Saturday, July 18, 2015

आरने......Nostelgia

Image result for dried cow dung cakes

Aspects of drying, collection and storage of cow dung for fuel - cow dung  drying ((Photo courtesy of https://saahaszerowaste.wordpress.com/tag/cow-dung/)


आरने.
इस तरह की तस्वीरें देख कर मुझे अपने गाँव के वे दिन याद आ जाते हैं जब मैं नौवीं कक्षा में पढ़ती थी।  उन दिनों हमारे ईलाके में नहर का पानी नहीं  आया था  और  बारानी खेती की जाती थी . साढ़ी  की फसल काटने के बाद सीमाने खाली हो जाया करते थे और डाॅंगर -पशु वहां खुले चरते रहते थे।  गर्मियां खूब पड़ती थी और बालू रेत बहुत गर्म हो जाया करती थी जब भी कोई गाय-बछड़ी  गोबर करती  थी तब वह गर्म बालू रेत में  जल्दी सुख जाता।  इस तरह कुदरती रूप में बने गोबर के उपलों को आरने /राणे कहा  जाता है. गाँव की लड़कियां खेतों/सीमानों में आरने /राणे  चुगने जाया करती थी। 
मैं भी अपनी बुआ के साथ आरने चुगने  जाती थी हम है भर  - भर कर  आरने लाते थे और उन्हें जलाने के लिए इक्क्ठे कर लिया करते थे।  ये आरने बहुत अच्छे जलते थे , क्योंकि इनमें सिर्फ सुखा गोबर होता था, जबकि  उपलों में कई बार घास-फुस मिला दिया जाता है और वे धुँआ पैदा करते हैं। 


xoxo

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