पर्यावरण बचाएं, पहल करें------
पिछले दिनों मिडिया में काफी हो- हल्ला था बंद करो- पोली-बैग बंद करो, पोली-बैग से ये खराबा हूआ- और वो खराबा हूआ। हरियाणा में जिस दिन अखबार में आया कि पोली-बैग बैन हो गये हैं। अगले दिन सचमुच न फलों की रेहङी वाले ने पोली-बैग में फल दिये न ही पंसारी ने सामान में दिया, सोचा अबकी-बार तो सचमुच कुछ कठोर कदम उठे हैं, लगता है पोली-बैग का ज़माना लदने वाला है, यदि भूल-वश कहीं अपना थैला खरिदारी करने जाते समय नहीं ले गये तो बिना खरिदारी करे ही वापिस लौटना पङेगा। पर फिर वही हर दूकान-रेहङी पर पोली-बैग में सामान आसानी से बिना किसी ना नुकर के मिल रहा था।
साड़ी से सूट बनाते समय कुछ कतरन बच गई थी ...जिन्हें इस्तेमाल कर यह बड़ा सा शोपिंग बैग बहुत ही सुन्दर बन गया है.
क्मीज और चुन्नी साड़ी की बनाकर उसे मेचिंग चुरिदार से टीम कर दिया और फिर यह बैग....मेचिंग....
अब इतना बड़ा बैग साथ ले जाकर साड़ी खरीदारी का सामान इसमें आसानी से भरें और घर आयें कोई फटने का डर नहीं...
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